नाम रखा मां-बाप ने, चले गए सब छोड़ ।
लिखलो जो जैसा कहे , अपना मुख मत मोड़ ।।
अपना मुख मत मोड़, शब्दों के बीच खाना ।
खाली छोड़ो एक , खाना-खाना सजाना ।।
कह ’वाणी’ कविराज , वह लंबा-चौड़ा नाम ।
यदि लिखा नहीं जाय ,करलो तब छोटा नाम ।।
लिखलो जो जैसा कहे , अपना मुख मत मोड़ ।।
अपना मुख मत मोड़, शब्दों के बीच खाना ।
खाली छोड़ो एक , खाना-खाना सजाना ।।
कह ’वाणी’ कविराज , वह लंबा-चौड़ा नाम ।
यदि लिखा नहीं जाय ,करलो तब छोटा नाम ।।
कवि अमृत 'वाणी'