नजरी नक्शा


नक्शा बने जब नजरी ,सब नजर का कमाल ।
बिन पैमाने के रचो , इतना रखना ख्याल ।।
इतना रखना ख्याल , कितने बने हैं मकान ।
आय जहां भूकंप , मिट गए कितने निशान ।।
कह ’वाणी’ कविराज , करेगा यही सुरक्षा ।
नजरे ना लग जाय , बने जब नजरी नक्शा ।।