स्थाई निवास का पता , अब तक मूल निवास ।
यदि जन्म लिया हो वहॉं , गॉंव शहर जो खास ।।
गॉंव शहर जो खास , रहें वहीं सौ-सौ साल ।
जहां की जायदाद , से दिन-दिन हुए निहाल ।।
कह ’वाणी’ कविराज , पता लिखाए सब वही ।
लिखो मत बार-बार , लिखना केवल तुम ’वही’ ।।

यदि जन्म लिया हो वहॉं , गॉंव शहर जो खास ।।
गॉंव शहर जो खास , रहें वहीं सौ-सौ साल ।
जहां की जायदाद , से दिन-दिन हुए निहाल ।।
कह ’वाणी’ कविराज , पता लिखाए सब वही ।
लिखो मत बार-बार , लिखना केवल तुम ’वही’ ।।
कवि :-अमृत'वाणी'