बैंक

कालम 35: बैंकिंग सेवा का उपयोग कर रहे हैं:
हां-1/नहीं-2



खाता खोला आपने, कहो कौन सा बैंक।
लेते देते तुम वहां, कहो आपकी रेंक।।
कहो आपकी रेंक, उत्तरदाता ‘हां’ कहे, ।
लिखो कोड तुम एक, जैसा तुमको वो कहे।।
कह ‘वाणी’ कविराज, ‘ना’ कहे सोच समझकर।
लिख लेना दो कोड, फिर चलो बेग उठाकर।।


भावार्थः- बैंकिंग पद्धति में आने वाले सभी प्रकार के राष्ट्रीयकृत बैंक, विदेषी, निजी, सहकारी, वाणिज्यिक, डाकघर किसी भी बैंक में किसी भी प्रकार के खाते के कारण यदि यदा-कदा आपका आना-जाना बना रहता है तो कोड नं.1 लिखना है। यदि परिस्थितियां इसके विपरित है बैंकिंग सेवा का उपयोग नहीं करते हैं तो कोड नं. 2 दर्ज करना होगा।

‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि प्रगणकों को चाहिए कि वे सम्बन्धित से पूछे कि उन्होंने बैंकिंग पद्धति के अन्तर्गत आने वाले बैंकों से किसी बैंक में खाता खुलवाया है या नहीं। वहां आपका व्यवहार भी अच्छा भला बना रहे, यही हमारी शुभकामनाएं हैं।