दिशा-दिशा में द्वार

मकान हमको क्या मिला, दिषा-दिषा में द्वार ।
चार दिषा में रोड है, रहे एक परिवार ।।
रहे एक परिवार, एक जनगणना मकान ।
कहावे मुख्य द्वार,एक भवन नंबर जान ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज, तीन जब किराएदार ।
मकान मालिक एक, जनगणना मकान चार ।।


भावार्थः-
ब्लॉक में कहीं-कहीं ऐसे भवन भी मिलते हे जिनके हर दिषा में द्वार है, हर दिषा में रोड़ है किन्तु वे सारे कमरे एक ही परिवार के रहने के लिए काम आ रहे है। इसलिए वहां एक जनगणना मकान ही होगा, क्यांेकि उस भवन का मुख्य द्वार एक ही है।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते है कि यदि वहां तीन किरायेदार और आ जाते है, चौथा उसका मालिक पहले से ही वहां रह रहा है। अब चारों परिवार चार अलग-अलग अपने-अपने रास्ते से आते जाते है। ऐसी स्थिति में अब उस भवन के अन्दर जन गणना मकान चार हो गये। एक मकान मालिक का एवं तीन अलग-अलग किरायेदारों के जिनके अपने अपने अलग-अलग प्रवेषद्वार हैं।