छत (छत की प्रमुख सामग्री)

घास/फूस/बांस/लकड़ी/मिट्टी आदि .................1
प्लास्टिक/पोलिथिन.............................2
हाथ से निर्मित टाईल ........................3
मषीन से निर्मित टाईल.......................4
पक्की ईट................................................5
पत्थर....................................6
स्लेट.....................................7
जी.आई./धातु/एस्बेस्टस चादरें...........8
कंक्रीट........................................................9
कोई अन्य..................................................0
छत

घास फूस छत एक है, पॉलीथिन दो यार ।
देषी केलू तीन का, अंग्रेजी है चार ।।
अंग्रेजी हैं चार, पांच र्मेें इंटें पक्की ।
पत्थर छः का जाय, ऊंची जताय तरक्की ।।
‘वाणी‘ पट्टी सात, चादरंे ले गई आठ ।
नौ की है कंक्रीट, अन्य करें जीरो ठाठ ।।


भावार्थः- नीली छतरी वाला ईष्वर जिसको जैसी सामर्थ्य एवं परिस्थिति देता वह उसके अनुसार ही भवन निर्माण करवा पाता है। यदि घास/फूस/बांस/लकडी/मिट्टी आदि की छते हों तो कोड नंबर एक, प्लास्टिक पोलीथिन दो, हाथ की बनी हुई टाईल्स (कवेलू/केलूड़ा) को कोड तीन, मषीनों से निर्मित टाईल्स (अंग्रेजी कवेलू/केलूड़ा) को कोड 4, पक्की ईंट हो तो कोड 5, पत्थर के लिए कोड 6, स्लेट के लिए कोड 7, जी.आई./धातु/एस्बेस्ट चादरों के लिए कोड 8 कंक्रीट कार्य के लिए कोड 9, इन सब के अतिरिक्त अन्य सामग्री हो तो प्रगणकांे को 0 कोड दर्ज करने हांेगे।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते हैं कि छत कैसी भी सामग्री से निर्मित हुई हो किन्तु सर्वश्रेष्ठ छत तो वही होती है, जिसके नीचे सोने वालों को सदैव गहरी नींद आए। रात भर चांदनी अमृतमयी शीतलता बरसाती रहे। सुबह जब सो कर उठंे तब वे अपने आप को अनन्त ऊर्जावान साहसी एवं श्रेष्ठ कर्मयोगी के रूप में महसूस करंे।