दो परिवार क्रमांक

भवन नम्बर चार के, बदल गये हालात ।
दो परिवार रहे वहां, आते जाते साथ ।।
आते जाते साथ, है शामिल उनका गेट ।
करे बात पे बात, वे घंटो-घंटो बैठ ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज, एक जनगणना मकान ।
दो परिवार क्रमांक, तुम लिखो लगाकर ध्यान ।।


भावार्थः-
भवन नम्बर एवं जनगणना मकान नंबर की विभिन्न स्थितियां होती है। इनमें एक स्थिति इस प्रकार की भी हो सकती है। मानाकि कोई भवन नंबर चार है, जिसका एक प्रवेष द्वार है। इसलिए वह एक ही जनगणना मकान हुआ। उस एक जनगणना मकान के अंदर ही दो सामान्य परिवार रहते हैं, वे आते-जाते समय उसी गेट का प्रयोग करते हैं। बड़े प्रेम से रहते हैं। कभी-कभी तो कई घंटो तक बातें करते रहते हैं।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते हैं कि उस एक ही जनगणना मकान में दो परिवार रहने के कारण दो परिवार क्रमांक लगेंगे। दूसरे वाले परिवार क्रमांक की पंक्ति में भवन संख्या एवं जनजगणना मकान की संख्या नहीं दोहराई जावेगी। उनके नीचे केवल डेष (-) ही लगाया जाएगा।