भांत-भांत परिवार

मकान ऐसे मिल सके, भांत-भांत परिवार ।
दो वहां सामान्य रहे, संस्थागत परिवार ।।
संस्थागत परिवार, में ट्रिपल नाइन लिखना ।
लिखो न मुखिया नाम, केवल पद नाम लिखना।।
कह ‘वाणी‘ कविराज, जहां सामान्य परिवार ।
क्रमांक बढ़ते जाय, बढ़ते जाओ उस पार ।।


भावार्थः-
आपके ब्लॉक में ऐसी भी स्थितियां कहीं-कहीं मिलेगी जिसमें एक ही भवन में एक से अधिक प्रकार के परिवार रहते हांे। उनमे एक संस्थागत परिवार एवं दो सामान्य परिवार हांे। इस प्रकार से कुल जनगणना मकान तीन हुए। वहां भवन नंबर की पुनरावृति नहीं होगी। उसके नीचे डेष लगाना होगा। जनगणना मकान नंबर अलग-अलग लगेंगे। एक सामान्य परिवार के बाद यदि एक संस्थागत परिवार आ जाता है तो उसके परिवार क्रमांक 999 लिखने होंगे। उसके बाद अन्त में आने वाले सामान्य परिवार को पिछले सामान्य परिवार को दी गई परिवार क्रमांक से एक बढ़ा कर अगला परिवार क्रमांक देना होगा।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते हैं कि जैसे-जैसे यह क्रम बढ़ता रहेगा आप भी उस पार यानिकी कार्य के उत्तरार्द्ध की ओर बढ़ते जावेंगे।