मुखिया

कॉलम 13 परिवार के मुखिया का नाम


निहाल है वही मुखिया, साधे सबका काम।
कदम मिलाय संग चले, बढ़ाय कुल का नाम।।
बढ़ाय कुल का नाम, परिजन हित निर्णय लेय।
घर का वो जिम्मेदार, सोच समझ उत्तर देय।।
कह ‘वाणी’ कविराज, ना है उम्र का सवाल।
मुखिया सुन्दर सोच, सब परिजन होय निहाल।।


भावार्थः-
कदम-कदम पर जो सभी सदस्यों का हित सोचकर परिवार चलाता है, सभी का कार्य पूरा करने की दृढ़ मानसिकता रखता है, वही मुखिया पद का अधिकारी होता है। जो परिवार के हित में ही अपना हित समझता हो अच्छे कार्यों से परिवार के नाम को रोषन करने की जिसकी आकांक्षाएं जीवन-पर्यन्त बनी रहे, हर बार परिवार के हित को केन्द्र में रखते हुए जो सोच समझकर सही समय पर श्रेष्ठतम् निर्णय देने की मानसिक क्षमता रखता हो वही आदर्ष मुखिया होता है। जो वर्तमान में परिवार की समस्त जिम्मेदारियों को निभा रहा हो मुखिया के ऐसे श्रेष्ठ चिन्तन में यदि स्थायित्व आ जाए तो ऐसे परिवार निहाल हो जाते हैं। वे परिवार कभी टूट नहीं सकते।