बड़े भवन का भाग है, जनगणना मकान ।
अलग वहीं पर द्वार हो, नहीं रहे इंसान ।।
नहीं रहे इंसान, चाहे होय आवासी ।
खाली दिखा मकान, सभी हो चुके प्रवासी ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज देखो तुम ध्यान लगाय ।
गणना के दौरान, कब परिवार लौट आय ।।
अलग वहीं पर द्वार हो, नहीं रहे इंसान ।।
नहीं रहे इंसान, चाहे होय आवासी ।
खाली दिखा मकान, सभी हो चुके प्रवासी ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज देखो तुम ध्यान लगाय ।
गणना के दौरान, कब परिवार लौट आय ।।
भावार्थः- जनगणना मकान किसी भी भवन का वह भाग होता है जिसकी पहचान एक पृथक इकाई के रूप में दिखती हो। उस इकाई का मुख्य प्रवेशद्वार अलग से सड़क की ओर, साझे आहाते, सीढ़ियांे आदि में खुलता हो। किसी जनगणना मकान का उपयोगी बने रहना कोई अनिवार्य शर्त नहीं है। वह आवासीय/गैर आवासीय किसी भी श्रेणी का हो सकता है।
यदि किसी विशाल भवन में कई सारे फ्लेट/विंग/ब्लॉक हैं जो एक दूसरे से पर्याप्त भिन्न संरचना लिए हुए हैं। उनके प्रवेशद्वार अलग-अलग हैं। किसी सड़क साझी सीढियां अथवा मुख्य द्वार की ओर जाने वाले साझे आहाते में खुलते हों ऐसी परिस्थिति में वे सभी अलग-अलग जनगणना मकान माने जावेंगे। एकाधिक जनगणना मकान मुख्य भवन से पृथक भी हो सकते हैं एवं मुख्य भवन से जुडे़ हुए भी हो सकते हैं। मुख्य शर्त यही है कि उनके प्रवेशद्वार इस प्रकार से अलग-अलग हों कि उसमें रहने वालों की मुख्य द्वार से आने-जाने की कोई मजबूरी न हो।