उत्तर पश्चिम कोण

बनाय नक्षा नजरी, पैदल-पैदल जाय।
पूछ-पूछ सारे नाम को,राम-राम कर आय।।
राम-राम कर आय, खींचना हल्की रेखा ।
पहले रोड़ बनाय, जैसा मौके पे देखा ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज, फिर वर्ग त्रिभुज बनाओ ।
उत्तर पशचिम कोण से नंबर देते जाओ।।


भावार्थः- नजरी नक्षा बनाने के लिए प्रगणकों को सबसे पहले पैदल-पैदल ही घुमना पडे़गा। अपने ब्लॉक को पहचानने की एक छोटी सी स्लीप आपको दी गई है उसमें जो नाम, मुख्य-मुख्य स्थान लिखे गए हैं उसे साथ में लेकर क्रमषः पढते हुए देखते हुए आगे से आगे बढ़ना चाहिए। रास्ते में जो-जो भी परिचित अपरिचित गणमान्य नागरिक मिले उनसे राम-राम करते हुए जाना चाहिए।

प्रगणक को इस प्रकार एक दो बार अपने ब्लॉक के चक्कर लगा लेने के बाद नजरी नक्षा बनाना प्रारम्भ चाहिए। सर्वप्रथम पेंसिल से हल्की रेखा खिचते हुए रोड, गलियां एवं पगडंडिया बनानी चाहिए। इसके बाद एक-एक लाईन में कितने-कितने वर्ग त्रिभुज आ रहे हैं उन्हें दर्षाते हुए आवंटित ब्लॉक के सभी कच्चे एवं पक्के मकानों को नम्बर देने चाहिए। जब नजरी नक्षे में भलीभांति आवासीय, गैर आवासीय सभी प्रकार के भवन अंकित हो जाते हैं तब उत्तर-पष्चिम कोण में क्रमांक 1 से ही भवन नंबर लिखना प्रारम्भ करना चाहिए।