करदो नैया पार

क्रमांक 16: जिला रजिस्ट्रार एवं उप जिला रजिस्ट्रार के उत्तरदायित्व

बाधा दूर करो सभी, आए प्रगणक द्वार ।
डूब रही मंझधार में, करदो नैया पार ।।
करदो नैया पार, टोटल माथो दुखावे ।
की चेक कई बार, कांटा मिल ना पावे ।।
कह ‘वाणी‘ कविराज, चाय पिलाय कप आधा ।
करो प्रेम से बात, वे दूर भगाय बाधा ।।



भावार्थः-
इस श्रृंखला में राज्य समन्वयक की ठीक अगली कड़ी के रूप में कार्य करने वाले अधिकारीगणों के नाम जिला रजिस्ट्रार एवं उप जिला रजिस्ट्रार है। क्षेत्र को छोड़कर दोनांे के कर्त्तव्य लगभग एक समान हैं।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते हैं कि उनके प्रमुख कार्यो में पर्यवेक्षक और प्रगणकों की जनगणना संबंधी सभी प्रकार की समस्याओं का नियमानुसार निराकरण करना। त्रुटियां चाहे सांख्यिकी संबंधी हांे चाहे अनुसूचियां भरने से संबंधित हों।
एक प्रगणक की नैया मंझधार में इसलिए डांवाडोल हो रही है कि उनकी टोटल नहीं मिल पा रही है। प्रगणकजी ने अच्छे तरीके से अपनी समस्या प्रस्तुत की तो अनुभवी जिला एवं उपजिला रजिस्ट्रार ने तुरन्त उनकी समस्याओें का निराकरण कर दिया। कार्यकर्त्ताओं की नियुक्ति, प्रशिक्षण, सामग्री-वितरण, प्रचार-प्रसार, फिल्ड वर्क का निरीक्षण, संपूर्ण कवरेज सुनिश्चित करते हुए समस्याओं का निस्तारण, आंकड़े प्रमाणित करना, राजकीय खर्चे पर पैनी दृष्टि रखते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या के कार्यो का श्रेष्ठ समन्वयन करना, समय-समय पर प्राप्त होने वाले अन्य प्रशासनिक आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाना इत्यादि आपके प्रमुख कार्य है।