हां-1/नहीं-2
शौचालय को देखिए, कहां मिला है स्थान।
भांत-भांत के दिख रहे, भांत-भांत श्रीमान।।
भांत-भांत श्रीमान, अपनी स्टाइल लगावे।
अपने घर का गीत, अपनी राग में गावे।।
‘वाणी’ परिजन जाय, परिसर कोड एक लिखो।
खुले में खुले जाय, खुल्लम-खुल्ला दो लिखो।।
भांत-भांत के दिख रहे, भांत-भांत श्रीमान।।
भांत-भांत श्रीमान, अपनी स्टाइल लगावे।
अपने घर का गीत, अपनी राग में गावे।।
‘वाणी’ परिजन जाय, परिसर कोड एक लिखो।
खुले में खुले जाय, खुल्लम-खुल्ला दो लिखो।।
भावार्थः- अनुसूची के कालम संख्या 22 में प्रत्येक परिवार की शौचालय सम्बंधी जानकारी चाही गई है। यदि शौचालय मुख्य भवन से बिल्कुल जुड़ा हुआ है स्नानगृह के साथ है या मुख्य भवन से थोड़ी सी दूरी पर किन्तु उस भवन के परिसर के अन्दर ही हो तो उसे कोड नं. 1 देना होगा, चाहे उस परिवार में रहने वाले सभी परिवार उसका उपयोग करते हों। साझा षौचालय होने पर भी कोड 1 ही दिया जावेगा। भवन निर्माण में हर व्यक्ति अपनी-अपनी इच्छानुरूप अलग-अलग प्रकार अपनी-अपनी स्टाइल में भवन, जनगणना मकान की रचना करवातें, फिर जीवन भर अपने खट्टे-मीठे अनुभवों के गीत अपनी ही बनाई तर्ज में गाते-गाते संसार से चले जाते हैं।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि यदि परिजन षौच के लिए किसी सार्वजनिक षौचालय में जाते हैं या खुले में, चलते-फिरते षौचालय में जाते हैं तो उनके लिए कोड नं. 2 दर्ज करें।