बिजली-1/मिट्टी का तेल-2/सौर ऊर्जा-3/अन्य तेल-4/अन्य-5/प्रकाष रहित-6
रोशन हो घर आपका, खेलो प्यारे खेल।
बिजली जले एक लिखो, दो मिट्टी का तेल।।
दो मिट्टी का तेल, सूरज ऊजाला तीन।
नहीं कभी बिल आय, होंगे न कभी तुम दीन।।
कह ‘वाणी’ कविराज, अन्य तेल के हैं चार।
साधन दूसरे पांच, छः में तम की भरमार।।
बिजली जले एक लिखो, दो मिट्टी का तेल।।
दो मिट्टी का तेल, सूरज ऊजाला तीन।
नहीं कभी बिल आय, होंगे न कभी तुम दीन।।
कह ‘वाणी’ कविराज, अन्य तेल के हैं चार।
साधन दूसरे पांच, छः में तम की भरमार।।
भावार्थः- रोशनी हर घर की षान होती है। घर की षान बढ़ाने के लिए ही कभी-कभी षानदार रोषनी होती है। रोषनियों से खानदानी षान बढ़ती जाती है। यदि किसी घर में बिजली से प्रकाष होता है तो कोड 1, मिट्टी के तेल से उजाला होता है तो कोड 2, यही उजाला सौर ऊर्जा से होता हो तो कोड 3 और केरोसीन को छोड़ कर अन्य किसी भी तेल का प्रयोग घर में प्रकाष हेतु प्रयोग मंे लाया जाता है तो कोड 4, अन्य कोई और उपाय से उजाला होता हो तो कोड 5 यदि घर में अंधेरा रहता हो तो कोड 6 दर्ज करना चाहिए। बिजली कनेक्षन वैध है या अवैध है प्रगणक को कोड 1 ही दर्ज करना चाहिए।