सुन्दर राजस्थान

अंक-अंक हो आपका, हीरा-मोती जान
सारा देष यही कहे, सुंदर राजस्थान ।।
सुन्दर राजस्थान, देष-विदेषों में भारी
देख-देख सब लेख, पुरूस्कार की तैयारी ।।
कहवाणीकविराज,तुम करना काम निष्ंाक
रखना इतना याद, लिखने सब अरबी अंक ।।


भावार्थः- नजरी नक्षे एवं अनुसूचियों में प्रगणकों के द्वारा लिखे गए अंक हीरे-मोती के समान सुन्दर लगें ऐसा प्रयास सभी को करना चाहिए। सारे देष में यह चर्चा का विषय बन जाए कि केवल एक या दो जिले ही सुन्दर नहीं वरन समूचा राजस्थान सुन्दरता की जीवंत प्रतिमूर्ति है। ऐसे प्रगणकों को जितने पुरूस्कार दिए जाएं उतने ही कम हैं।

‘वाणी‘ कविराज कहना चाहते हैं कि आप निषंक होकर पूर्ण मनोयोग से प्रविष्ठियां दर्ज करने का कार्य करें।