मंदिर गुंजे आरती, मस्जिद माय अजान।
गुरूद्वारा में पाठ है, सभी जगह भगवान।।
सभी जगह भगवान, है चर्च, सत्संग हॉल।
आजा प्रभु के पास, होगा तू मालामाल।।
कह ‘वाणी’ कविराज, तब कोड लिखो तुम आठ।
रोज प्रार्थना हॉल, बढ़ते जाएं सब ठाठ।।
गुरूद्वारा में पाठ है, सभी जगह भगवान।।
सभी जगह भगवान, है चर्च, सत्संग हॉल।
आजा प्रभु के पास, होगा तू मालामाल।।
कह ‘वाणी’ कविराज, तब कोड लिखो तुम आठ।
रोज प्रार्थना हॉल, बढ़ते जाएं सब ठाठ।।
भावार्थः- जनगणना मकानों की वास्तविक उपयोगिता दर्षाने के अन्तर्गत कोेड नम्बर 8, पूजा-स्थल के लिए है। यदि जनगणना मकान का पूर्णतया उपयोग किसी मन्दिर, गुरूद्वारा, मस्जिद या चर्च इत्यादि में से किसी भी प्रकार के पूजा-स्थल के रूप में हो रहा हो तो वहां कोड नम्बर 8 दर्ज करने होंगे।
‘वाणी’ कविराज कहते हैं कि कहीं मन्दिर में आरती गूंज रही, कहीं मस्जिद में अजान हो रही, कहीं गुरूद्वारा गुरूगं्रथ साहब के पाठ से गूंज रहा है कहीं चर्च में सत्संग हो रहा है। हे प्रिय भक्त क्यांे निराष और उदास है। तू आज से ही प्रभु की षरण में आजा हर प्रकार से मालामाल हो जाएगा। नियमित प्रार्थना, भजन कीर्तन, पूजा आराधना, जप-तप इत्यादि करते रहो, तुम्हारे सभी प्रकार के ठाठ हो जाएंगे।